
आज के आधुनिक युग मे हमे अपने देश को विश्वमे टिकना है!एवम आनेवला भविष्य दुधारना है तो,हमे आज का वर्तमान सुधारणा होगा,हमारी शैक्षणिक निती अधिकाअधिक सुधारणा होगा.
यह संभव तभी संभव है,जब शहरी,ग्रामिण,सरकारी स्कूलो का दर्जा सुधारा जाये,हम देखते है सरकारी स्कूलों की स्थिती कुछ सही नही है,ईमारते,फर्निचर, स्टाफ,सबसे बढी बात यह है की सरकारी स्कूलों को निधी के लिऐ तरसना पडता है.!
उन्हे मांगे उतना नही बल्की अधिक निधी मीले,क्योकी यही स्कुले हमारे देश का भविष्य सुधार,लिख सकते है,लेकीन आजकल सरकार की निती प्रायव्हेट स्कुल की और झुकाव दिख रहा है जो सभी क्षेत्र के लीये घातक साबित होगा,गौरतलब यह है की प्रायव्हेट स्कुलोमे ओढ लगी है,जैसै ईमारत,बाहरी दिखावा, एडवरटाइजिंग,जिसे देख विद्यार्थी, पालक आकर्शित हो,हो भी रहा है,पर क्या यह मुनाफे के अतिरिक्त कुछ देखना नही चाहते,क्योकी उन्हे पुरा तामझाम जो चलाना है,लेकिन हमारी सरकारी स्कुले दिखावेसे जादा शैक्षणिक निती सफल करने लगी है,लेकीन शासकियअल्प निधी,राजकीय हस्तक्षेप से काफी परेशान है,
हमे विश्वमे बराबरी या उससे अधिक उपलब्धी करने केलीये हमारी सरकारी निती बदलनी होगी,हमारी स्कुले, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, यांत्रिकी, अभियांत्रिकी, वाणिज्य,वैद्यकीय, विज्ञान महाविद्यालय का दर्जा सुधारणही होगा.